जिला कारागार में लगा ‘‘प्ली बारगेनिंग.” विषय पर जागरूकता शिविर
गाजीपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कामायनी दूबे ने मंगलवार को जिला कारागार में ‘‘प्ली बारगेनिंग.” विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया। साथ ही जेल का निरीक्षण भी किया। शिविर में बंदियों को बताया गया कि सीआरपीसी में एक नया अध्याय 21-ए जोड़ा गया था। इसमें धारा 265-ए से 265-एल को नये रूप से जोड़ा गया है और प्ली बारगेनिंग का विवरण दिया गया। है। बताया कि “प्ली बारगेनिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है।” इस प्रक्रिया के तहत आरोपित अपने अपराध को मर्जी से स्वीकार करता है। दोनों पक्षों के बीच होने वाला समझौता अदालत की देख-रेख में होता है। समझौता के बाद मजिस्ट्रेट के सामने आरोपित अपने गुनाह कबूल करता है। आरोपित की सजा उस केस की न्यूनतम सजा से आधी या उससे भी कम कर दी जाती है। बंदियों से उनकी जेल अपील तथा अन्य समस्याएं पूछी गयी। उनके यथोचित अधिकार के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। बंदियों को उनके संवैधानिक अधिकारों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी। जेलर की ओर से बताया गया कि वर्तमान में कुल 978 बंदी निरुद्ध हैं। इसमें 871 पुरुष, 38 महिला बंदियों के साथ कुल 1 बच्चा भी निरूद्ध है। वहीं 67 अल्पवयस्क हैं। वहीं भोजन के रूटीन को भी बताया गया। सचिव ने कोविड-19 को देखते हुए नए बंदियों को पहले आइसोलेट रखने के साथ ही संदिग्ध लक्षण होने पर जांच और सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए। सचिव ने जेल के कई बंदियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझने के साथ ही उनके निस्तारण का निर्देश दिया। सचिव ने कारापाल को जिला कारागार में स्थित जेल लीगल क्लीनिक पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए, ताकि जेल में निरुद्ध बंदियों को समय से व समुचित विधिक सहायता प्राप्त हो सके। इस मौके पर कमलचन्द्र उप जेलर, घनश्याम लाल श्रीवास्तव, जेल विजिटर व विधिक प्रकोष्ठ अधिवक्ता खुर्शीदा बानों आदि उपस्थित रहे।